कोरोना के डबल म्यूटेशन का कहर: नमूनों से आया सामने

नई दिल्ली। भारत में कोरोना संकट एक बार फिर गहरा गया है। देश में हर रिकॉर्ड तोड़ते नए मामलों के बीच एक डराने वाली खबर यह भी आई है कि महाराष्ट्र में संक्रमण के कुल 361 नमूनों में से 61 प्रतिशत में डबल म्यूटेशन यानी दोहरे उत्परिवर्तन का पता चला है। पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना संक्रमण के मामलों में आई भीषण तेजी के पीछे इस डबल म्यूटेशन को भी बड़ी वजह बताया जा रहा है। वह भी ऐसे समय में जब भारत में टीकाकरण अभियान भी तेजी से चलाया जा रहा है। आइए बताते हैं आपको इस दोहरे म्यूटेशन के बारे में।
यह वायरस का वो रूप है, जिसके जीनोम में दो बार बदलाव हो चुका है। वैसे वायरस के जीनोमिक वेरिएंट में बदलाव होना आम बात है। दरअसल वायरस खुद को लंबे समय तक प्रभावी रखने के लिए लगातार अपनी जेनेटिक संरचना में बदलाव लाते रहते हैं ताकि उन्हें मारा न जा सके। कई बार म्यूटेशन के बाद वायरस पहले से कमजोर हो जाता है लेकिन कई बार म्यूटेशन की यह प्रक्रिया वायरस को काफी खतरनाक बना देती है। ऐसे में वायरस हमारे शरीर की किसी कोशिका पर हमला करते हैं तो कोशिका कुछ ही घंटों के अंदर वायरस की हजारों कॉपीज बना देती है। इससे शरीर में वायरस लोड तेजी से बढ़ता है और मरीज जल्दी ही बीमारी की गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है।
मार्च के अंत में भारत के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने एक नए वेरिएंट ‘डबल म्यूटेंट’ की जानकारी दी थी। महाराष्ट्र, दिल्ली और पंजाब से लिए गए सैम्पल में इस वेरिएंट की पहचान की गई। हालांकि, बुधवार को झारखंड के कई सैंपलों में भी डबल म्यूटेंट मिलने की पुष्टि हुई है। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि ये नए “डबल म्यूटेंट” वेरिएंट इतनी मात्रा में नहीं मिले हैं कि कहा जाए कि इसकी वजह से देशभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।